अगर आप जीवन में सफल होना चाहते  हैं  तो  लज्जा  का परित्याग कीजिये,   ग़ैरत को तिलांजलि   दीजिये , शर्म हया  को ताख पर रखिये  और बिलकुल   बेशर्म बनिये।सरे बाजार निर्वस्त्र हो जाइये। आप की निर्लज्जता आपका अभेद्य कवच है.  सोचिये अगर दुर्योधन लंगोट उतारकर  गांधारी  के समक्ष प्रस्तुत हो गया होता तो आज भी उसके वंशज  राज कर रहे होते। मन्नू भंडारी ने तो  बहुत पहले ही सब कुछ  भांप लिया था। “धोती के नीचे सभी नंगे और ससुरी इस राजनीति में तो धोती के बाहर भी नंगे. पर डा साहब एकदम अपवाद?धोती के नीचे भी धोती ही निकलेगी इस गीता बाँचनेवाले की, खाल खींचने पर  ही आ सकता  है  इनका  नंगापन.” ( महाभोज।)   अतः अब सिर्फ नैतिक नंगापन से काम नहीं चलेगा , शारीरिक रूप से  नंगा  होना अनिवार्य है नहीं तो यह नेक काम जनता को ही करना पड़ेगा .  
बेशर्मी मेरा  बल है, निर्लज्जता मेरा   सम्बल (या सिम्बल), छल  ही मेरा कवच  है, कपट  मेरा  कुण्डल. बांधे  हुए यह जिरह बख्तर  निकल पड़ा हूँ  मैं कमान संभालने। देश हो ,प्रदेश हो , जिला हो , प्रखंड हो ,  स्वायत्त निकाय हो, न सही पांच ग्राम एक ही  पंचायत  हो, पर   जन    सेवा   से मुझे अब   कोई रोक नहीं सकता. 
यह विनम्र निवेदन सिर्फ मेरे  बेशर्म  बंधुओं से है। जिन्हें  थोड़ी  बहुत  भी  ग़ैरत  बची है उनके लिए मैं ईश्वर, अल्ला , ईसा , पवित्र गुरुओं  से दुआ मांगूंगा कि  उन्हें  नए वर्ष  में  झोली भर  कर बेशर्मी दे ताकि  वे    सफल  हो सकें, समृद्ध बन सकें जीवन   की हर जंग जीत  सकें .  
मेरे प्यारे  बेशर्म  बंधुओं ,
थोड़ी  बेशर्मी  दोगे  मुझे उधार ?
मेरा वादा है पाई पाई चुका दूंगा  
 सूद सहित सा  भा  र । 
मैं जात   नहीं  पूछूँगा 
मैं जमात  नहीं पूछूँगा 
मैं घर, बार ,आँगन द्वार नहीं पूछूँगा 
 न हि पूछूंगा कहाँ से कमाई  बेशर्मी अपार 
यह भी नहीं पूछूंगा 
  कि  आप राजनेता हो , 
अभिनेता हो, अफसर  हो किसी 
नयी राजनैतिक पहल के प्रणेता हो 
शिक्षक हो, शिक्षार्थी हो 
शरणागत हो, या बस शरणार्थी हो 
दे दो मेरे भाई, बस थोड़ी सी बेशर्मी. 
बस  थोड़ी  और  कृपा करो  सरकार 
मेरे आका ,मेरे  परवर दिगार। 
 एक  गोली  भी  दे  दो मुझे, हकीमी हो 
यूनानी हो  अंग्रेजी हो ,आयुर्वेदिक हो, होमियोपैथी 
झोला छाप  नेचुरोपैथी कुछ भी चलेगा 
बस हो कारगर
मेरा हाजमा दुरुस्त कर दे , पत्थर सी मज़बूती दे दे 
जो  सब कुछ , मतलब सचमुच सब कुछ   पचा ले ,
अजीर्ण न हो ,  खट्टी डकार   न हो  , गंदी उबास  न हो 
बच्चों के मुख का निवाला हो  ,बड़े से बड़े बड़ा घोटाला  हो 
 हुंडी  हो ,हवाला हो कोई भी गड़बड़ झाला  हो 
 मेरी  ईमानदारी पर दाग न आये।  
बहुत बहुत  आभार , मेरी  नैय्या हो जाएगी पार 
 पर इस अंतरात्मा का क्या करूँ  ?
कभी कभी यूँ ही, बस यूँ ही 
कुनमुनाने लगती  है , 
  हंसुआ के ब्याह में 
खुरपी  के   गीत गाने लगती है. 
एक सुट्टा  हो, थोड़ी सी मदिरा हो,
भांग हो, अफीम हो , गांजा हो , कोकेन हो 
  ताकि मुझे पूरा पूरा  यकीन हो 
I am the best , I am the best.
अंधे ,बहरे, गूंगे , नंगे ,बंठे  बौने 
खरीद रखा है मैंने लाखो में ,  औने पौने , 
 मीडिया गोद  में  अखबार नवीस कांख तले 
ठीकेदार ,खिदमतगार , पलकों की  छाँव तले। 
बस थोड़ी सी बेशर्मी कम पड़ रही  थी.  
 आप का नया नेता आपके सामने है 
  चेहरा पर पूरी सफेदी है  
लेकिन अंदर  बिलकुल काला है  
काले  के बीच का  उजाला , 
उजाले के पीछे का काला
ब्लैक एंड वाइट का खेल है सारा 
अपने इस नेता  को पहचाने ,
 इसी का कहना माने 
आइये  अब हम सब  साथ  मिलकर  उच्चारें 
मेरी जय हो, मेरी जय हो, मेरी जय हो .
 
 
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